ऐसे दावे हैं कि नाभिकीय अपशिष्ट की समस्याएं, जीवाश्म ईंधन अपशिष्ट की समस्या के आस-पास नहीं पहुंचती हैं.
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ऐसे दावे हैं कि नाभिकीय अपशिष्ट की समस्याएं, जीवाश्म ईंधन अपशिष्ट की समस्या के आस-पास नहीं पहुंचती हैं.
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क्योंकि नाभिकीय अपशिष्ट के रेडियोऐक्टिव तत्व कम से कम एक हजार वर्षों तक सक्रिय रहने की क्षमता रखते हैं।
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ऐसे दावे हैं कि नाभिकीय अपशिष्ट की समस्याएं, जीवाश्म ईंधन अपशिष्ट की समस्या के आस-पास नहीं पहुंचती हैं.[33][34] 2004 में
5.
* नाभिकीय ईंधन के दहन से पैदा हुए नाभिकीय अपशिष्ट पदार्थ या किसी नाभिकीय ईंधन की रेडियोसक्रियता के चलते होने वाला प्रदूषण या विकिरण का आयनीकरण
6.
निदेशालय (एएमडी) परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने और नाभिकीय अपशिष्ट के निपटान के लिए एनपीसीआइएल के सहयोग से स्थान चयन के लिए भूगर्भीय अध्ययन भी करता है।
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निदेशालय (एएमडी) परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने और नाभिकीय अपशिष्ट के निपटान के लिए एनपीसीआइएल के सहयोग से स्थान चयन के लिए भूगर्भीय अध्ययन भी करता है।
8.
इसके अतिरिक्त भापअ केंद्र द्वारा भुक्तशेष ईंधनों का रासायनिक संसाधन, नाभिकीय अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान के साथ-साथ उद्योग चिकित्सा एवं कृषि के क्षेत्रों में नए आइसोटोप अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियों का विकास आदि के लिए निपुणता प्रदान की जाती है।
9.
इसके अतिरिक्त भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र द्वारा भुक्तशेष ईंधनों का रासायनिक संसाधन, नाभिकीय अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान के साथ-साथ उद्योग चिकित्सा एवं कृषि के क्षेत्रों में नए आइसोटोप अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियों का विकास आदि के लिए निपुणता प्रदान की जाती है।
10.
नाभिकीय अपशिष्ट को बड़ी सावधानी से ऐसी जगह पर और इस प्रकार से गाड़ा जाता है कि उससे निकलने वाली हानिकारक विकिरण एवं अन्य कण कम से कम हानि पहुँचा सकें और सैकड़ों वर्षों तक उसमें कोई रिसाव (लीकेज) आदि न हो।